PM Kisan Yojana राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आवासहीन परिवारों की पहचान के लिए एक महत्वाकांक्षी सर्वेक्षण अभियान की शुरुआत की है। यह कदम प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (पीएमएवाई) 2.0 के तहत पात्र परिवारों को आवास सुविधा प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि अप्रैल 2025 तक एक लाख शहरी गरीब परिवारों को अपना घर मिल जाए।
व्यापक सर्वेक्षण की रूपरेखा
सर्वेक्षण को पूरी तरह से पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए 261 शहरी निकायों में वार्ड स्तर पर टीमें गठित की गई हैं। प्रत्येक वार्ड में वार्ड सदस्य को सर्वेक्षण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। साथ ही, सर्वेक्षण की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष सुपरवाइजर भी तैनात किए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी पात्र परिवार सर्वेक्षण से नहीं छूटना चाहिए।
विशेष अभियान की योजना
5 फरवरी को एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य उन आवासहीन परिवारों की पहचान करना है जो किसी कारणवश मुख्य सर्वेक्षण से छूट गए हों। यह अभियान सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ वास्तव में हर जरूरतमंद परिवार तक पहुंचे। सभी नगर निकायों को 15 फरवरी तक अपनी विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करनी होगी।
वर्तमान प्रगति और चुनौतियां
अब तक 38,000 परिवारों का सत्यापन पूरा हो चुका है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हालांकि, कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं। 10 नगर निकायों ने अभी तक अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। इनमें गड़हनी, जगदीशपुर, पीरो, बेनीपुर, वजीरगंज, हाटा, रामगढ़, असरगंज, कुढ़नी और मेहसी शामिल हैं।
डेटा एंट्री में पिछड़े निकाय
कुछ नगर निकायों की पीएमएवाई पोर्टल पर डेटा एंट्री की गति भी धीमी रही है। मेहसी, सिमराही, राघोपुर, रानीगंज, संपतचक, अकबरनगर, मोकामा, बिरौल, कोपा और अमौर जैसे निकायों को इस संबंध में विशेष निर्देश दिए गए हैं। नगर विकास विभाग के सचिव अभय कुमार ने इन निकायों को चेतावनी दी है कि वे जल्द से जल्द अपना कार्य पूरा करें।
महत्वाकांक्षी लक्ष्य और कार्य योजना
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। मार्च 2025 तक 50,000 घरों का आवंटन किया जाएगा, जबकि अप्रैल 2025 तक कुल एक लाख परिवारों को घर मिल जाएंगे। यह लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब सभी नगर निकाय समयबद्ध तरीके से अपना कार्य पूरा करें।
जवाबदेही और पारदर्शिता
सर्वेक्षण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई स्तरीय जांच प्रणाली स्थापित की गई है। वार्ड अधिकारियों को लिखित प्रमाण पत्र देना होगा कि कोई भी पात्र परिवार सर्वेक्षण से नहीं छूटा है। साथ ही, सुपरवाइजरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सर्वेक्षण में कोई त्रुटि न हो।
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 का महत्व
यह योजना शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और आवासहीन परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इसके तहत सरकारी सहायता से पक्का मकान उपलब्ध कराया जाता है, जो न केवल बुनियादी आवश्यकता को पूरा करता है, बल्कि परिवारों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करता है।
राज्य सरकार का यह व्यापक सर्वेक्षण अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह सुनिश्चित करेगा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 का लाभ वास्तव में पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। सफल क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित निकायों और अधिकारियों का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।