Gold prices drop sharply वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए बजट 2025-26 के बाद भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। आइए जानें इन कीमतों में आए बदलाव और इसके पीछे के कारणों के बारे में विस्तार से।
सोने की कीमतों में वृद्धि बजट पेश होने के बाद सोने की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2 फरवरी 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत 8,466.3 रुपये प्रति ग्राम पहुंच गई, जो पिछले दिन की तुलना में 150 रुपये अधिक है। वहीं 22 कैरेट सोने की कीमत 7,762.3 रुपये प्रति ग्राम हो गई है, जिसमें 140 रुपये की वृद्धि हुई है। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि पिछले सप्ताह 24 कैरेट सोने की कीमत में 0.75% की गिरावट आई थी और पिछले महीने यह 4.59% तक नीचे आई थी।
चांदी की कीमतों में मामूली गिरावट चांदी के मूल्य में थोड़ी गिरावट देखी गई है। 2 फरवरी को चांदी की कीमत 1,02,600 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जो पिछले दिन की तुलना में 100 रुपये कम है। यह गिरावट मामूली होने के बावजूद बाजार के लिए महत्वपूर्ण संकेत है।
प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें देश के विभिन्न प्रमुख शहरों में 10 ग्राम सोने की कीमतों में भी बदलाव आया है:
- दिल्ली में सोने की कीमत 84,663 रुपये हो गई है, जो पिछले दिन 83,203 रुपये थी
- मुंबई में यह 84,517 रुपये पहुंच गई है, जबकि पिछले दिन 83,051 रुपये थी
- चेन्नई में सोने की कीमत 84,511 रुपये हो गई है, जो पिछले दिन 83,051 रुपये थी
- कोलकाता में यह 84,515 रुपये पहुंच गई है, पिछले दिन यह 83,051 रुपये थी
कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रमुख कारण सोने और चांदी की कीमतों में आए इस बदलाव के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- वैश्विक मांग और आपूर्ति: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की मांग और आपूर्ति का संतुलन कीमतों को प्रभावित करता है। वर्तमान में वैश्विक मांग में वृद्धि से कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति: वैश्विक बाजार में कीमतों का सीधा प्रभाव भारतीय बाजार पर पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में होने वाले बदलाव से घरेलू बाजार प्रभावित होता है।
- रुपये का मूल्य: भारतीय रुपये की विदेशी मुद्राओं के मुकाबले स्थिति सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित करती है। रुपये में कमजोरी आने से कीमतें बढ़ती हैं।
- ब्याज दरें: देश में प्रचलित ब्याज दरों का सीधा प्रभाव सोने और चांदी की कीमतों पर पड़ता है। ब्याज दरों में बदलाव से निवेशकों के निवेश पैटर्न में बदलाव आता है।
- सरकारी नीतियां: बजट 2025-26 जैसी सरकारी नीतिगत घोषणाओं का प्रभाव भी कीमतों पर पड़ता है। इससे बाजार में निवेश का रुख बदलता है।
- महंगाई और वैश्विक घटनाक्रम: मुद्रास्फीति की दर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली घटनाएं भी कीमतों को प्रभावित करती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोने और चांदी की कीमतों में और बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वैश्विक बाजार में जारी अनिश्चितता और ब्याज दरों में अस्थिरता के कारण कीमतें ऊपर जा सकती हैं। निवेशकों को इन कारकों पर नजर रखते हुए अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए।
निवेशकों के लिए सुझाव वर्तमान परिस्थितियों में निवेशकों को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- बाजार की स्थिति का नियमित विश्लेषण करें
- दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण अपनाएं
- अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें
- जोखिम प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें
- विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान दें
बजट 2025-26 के बाद सोने और चांदी की कीमतों में आए बदलाव से स्पष्ट है कि बाजार संवेदनशील है और विभिन्न कारकों से प्रभावित होता है। निवेशकों को इन कारकों का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए। आने वाले समय में कीमतों में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं, इसलिए सतर्क और सूझबूझ भरा दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण होगा।