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3 फरवरी को सरकारी छुट्टी की हुई घोषणा, बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज Public Holiday

Public Holiday  उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025 का अवकाश कैलेंडर कई महत्वपूर्ण बदलावों के साथ घोषित किया गया है। इस वर्ष की विशेषता यह है कि कई प्रमुख राष्ट्रीय अवकाश सप्ताहांत पर पड़ रहे हैं, जिसके कारण न्यायिक और प्रशासनिक व्यवस्था में कुछ महत्वपूर्ण समायोजन किए गए हैं।

न्यायिक व्यवस्था में परिवर्तन

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जिला न्यायालयों को पांच स्थानीय अवकाश घोषित करने का अधिकार दिया है। इस निर्णय का प्रमुख कारण यह है कि वर्ष 2025 में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवकाश शनिवार या रविवार को पड़ रहे हैं। इस व्यवस्था के तहत, उन्नाव जिला न्यायालय ने 3 फरवरी 2025 को अवकाश घोषित किया है।

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स्थानीय अवकाश का विवरण

जिला न्यायालय द्वारा घोषित पांच प्रमुख स्थानीय अवकाश इस प्रकार हैं: बसंत पंचमी के अवसर पर 3 फरवरी को अवकाश रहेगा। इसके बाद होली के लिए 15 मार्च को छुट्टी घोषित की गई है। सितंबर में दो महत्वपूर्ण अवकाश होंगे – 6 सितंबर को बारावफात और 30 सितंबर को दुर्गा अष्टमी के अवसर पर। वर्ष के अंत में, 5 नवंबर को गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश रहेगा।

राष्ट्रीय अवकाश और प्रतिस्थापन व्यवस्था

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वर्ष 2025 की एक विशेष चुनौती यह है कि कई प्रमुख राष्ट्रीय अवकाश रविवार को पड़ रहे हैं। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को, रामनवमी 6 नवंबर को, और मोहर्रम 6 जुलाई को – ये सभी रविवार के दिन हैं। इस स्थिति को देखते हुए, प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था की है। गणतंत्र दिवस के स्थान पर 22 अक्टूबर को और रामनवमी के स्थान पर 23 अक्टूबर को प्रतिस्थापी अवकाश दिया जाएगा। मोहर्रम के लिए प्रतिस्थापी अवकाश की घोषणा बाद में की जाएगी।

शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश व्यवस्था

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज ने फरवरी 2025 के लिए विशेष अवकाश योजना की घोषणा की है। इस महीने में दो प्रमुख अवकाश होंगे। पहला, 12 फरवरी को संत रविदास जयंती के अवसर पर, और दूसरा, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर। इन अवकाशों का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर प्रदान करना है।

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कर्मचारी हित में लिए गए निर्णय

इस नई अवकाश व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों के हितों की रक्षा करना है। चूंकि कई प्रमुख अवकाश सप्ताहांत पर पड़ रहे हैं, इससे कर्मचारियों को मिलने वाले नियमित अवकाश प्रभावित हो रहे थे। नई व्यवस्था के तहत, प्रतिस्थापी अवकाश देकर यह सुनिश्चित किया गया है कि कर्मचारियों को उचित विश्राम का अवसर मिले।

यह नई अवकाश व्यवस्था न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण है। इससे कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ त्योहार मनाने और सामाजिक दायित्वों को निभाने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यह व्यवस्था कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने में सहायक होगी।

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2025 का अवकाश कैलेंडर एक संतुलित और व्यवस्थित दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व के अवकाशों को उचित स्थान दिया गया है। साथ ही, सप्ताहांत पर पड़ने वाले अवकाशों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करके कर्मचारी हितों की रक्षा की गई है। यह व्यवस्था न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों के सुचारु संचालन के साथ-साथ कर्मचारियों के कल्याण को भी सुनिश्चित करती है।

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